
नई दिल्ली: अंतर्गत महाराष्ट्र ने शानदार प्रदर्शन किया है और राज्य को ‘ए’ श्रेणी में स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही रत्नागिरी, नागपुर, अमरावती, नासिक और अकोला जिलों ने कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में अपने विशिष्ट उत्पादों के लिए स्वर्ण, रजत, कांस्य और विशेष उल्लेख पुरस्कार हासिल किए हैं।
सोमवार को यहाँ भारत मंडपम में राष्ट्रीय ‘एक जिला, एक उत्पादन’ (ODOP) 2024 पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद की प्रमुख उपस्थिति में पुरस्कार वितरित किए गए। महाराष्ट्र ने अपने उत्पादों की नवाचारिता, उच्च गुणवत्ता और विशिष्ट विशेषताओं के साथ राष्ट्रीय स्तर पर अपनी श्रेष्ठता स्थापित की।
महाराष्ट्र की ‘एक जिला, एक उत्पादन’ पहल में स्वर्णिम उपलब्धि
‘एक जिला, एक उत्पादन’ (ODOP) भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक जिले के विशिष्ट उत्पादों को प्रोत्साहन देकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और वैश्विक बाजार में उनकी पहचान बनाना है। इस पहल के तहत 2024 के पुरस्कार समारोह में महाराष्ट्र ने अपनी उत्कृष्टता सिद्ध करते हुए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त किए। ये पुरस्कार जिला, राज्य और विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों के तीन समूहों में वितरित किए गए। विदेशी भारतीय दूतावासों ने इस समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया, जिससे इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय महत्त्व प्राप्त हुआ। राज्यों की ‘ए’ श्रेणी में महाराष्ट्र के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश ने भी स्वर्ण पदक हासिल किया। महाराष्ट्र की ओर से उद्योग संचालनालय के विकास आयुक्त दीपेंद्र सिंह कुशवाह ने यह पुरस्कार स्वीकार किया।
कृषि क्षेत्र में महाराष्ट्र की सफलता
महाराष्ट्र ने कृषि क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखते हुए विभिन्न जिलों के उत्पादों को मान्यता दिलाई। निम्नलिखित जिलों को उनके विशिष्ट कृषि उत्पादों के लिए पुरस्कार प्राप्त हुए।
रत्नागिरी के हापूस आम को स्वर्ण पदक
विश्व स्तर पर ‘आमों का राजा’ के रूप में प्रसिद्ध रत्नागिरी जिले का हापूस आम इस बार भी अव्वल रहा। कृषि क्षेत्र की ‘ए’ श्रेणी में जिले ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। हापूस आम की मिठास, उत्कृष्ट गुणवत्ता और वैश्विक बाजार में मांग के कारण रत्नागिरी को यह सफलता मिली। यह पुरस्कार रत्नागिरी के जिलाधिकारी एम. देवेंद्र सिंह ने स्वीकार किया।
नागपुर के संतरों को रजत पदक
नागपुर जिले के प्रसिद्ध संतरों ने कृषि क्षेत्र की ‘ए’ श्रेणी में दूसरा स्थान हासिल किया। नागपुर के संतरों ने अपनी रसीली मिठास और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के साथ देश-विदेश में ख्याति प्राप्त की है। इस सफलता ने नागपुर के कृषि विरासत को और समृद्ध किया। रजत पदक का पुरस्कार नागपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक महामुनी ने स्वीकार किया।
अमरावती के मंदारिन संतरों को कांस्य पदक
अमरावती जिले ने अपने मंदारिन संतरों के लिए कृषि क्षेत्र की ‘ए’ श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त किया। संतरे के उत्पादन में निरंतरता, गुणवत्ता और बागवानी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयासों के कारण अमरावती को यह सफलता मिली। यह कांस्य पदक अमरावती जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक नीलेश निकम ने स्वीकार किया।
नासिक के अंगूर और किशमिश को विशेष उल्लेख पुरस्कार
नासिक ने अपने अंगूर और किशमिश (ग्रेप्स एंड रेज़िन्स) के लिए कृषि क्षेत्र की ‘ए’ श्रेणी में विशेष उल्लेख पुरस्कार प्राप्त किया। नासिक के अंगूरों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी मजबूत स्थिति बनाई है, और इस सफलता ने नासिक के कृषि क्षेत्र के योगदान को मान्यता दिलाई। यह पुरस्कार नासिक के जिलाधिकारी जलज शर्मा ने स्वीकार किया।
गैर-कृषि क्षेत्र में सफलता
अकोला जिले ने गैर-कृषि क्षेत्र की ‘बी’ श्रेणी में कपास जिनिंग और प्रेसिंग के लिए विशेष उल्लेख पुरस्कार प्राप्त किया। कपास उत्पादन और प्रसंस्करण क्षेत्र में अकोला की प्रगति और औद्योगिक विकास के कारण यह पुरस्कार प्राप्त हुआ। यह पुरस्कार अकोला जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक संतोष बनसोड ने स्वीकार किया।
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